कैसे दर्पण/शीशा धन और सेहत को प्रभावित करता है

क्या आप घर खरीदने जा रहे हैं ? अगर आपकी प्रॉपर्टी निर्माणाधीन (under-construction) है तो आप अपने हिसाब से उसमें बदलाव कर सकते हैं। लेकिन तब क्या अगर वह एक बना बनाया घर (अपार्टमेंट) हो? यह आसान नहीं है, लेकिन बने बनाए घर में (जहाँ बदलाव की संभावना कम होती है ), छोटे बदलाव करके आप बहुत सारी सकारात्मक ऊर्जा ला सकते हैं।
शीशा एक बहुत छोटी चीज़ है, लेकिन आपके घर मे सकारात्मक ऊर्जा लाने मे यह महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वास्तु के हिसाब से यह एक महत्त्वपूर्ण चीज़ है | यह सकारात्मक और नकारात्मक ऊर्जा को प्रभावित कर सकता है। वैसे तो, शीशे का इस्तेमाल चेहरा देखने के लिए किया जाता है, लेकिन कुछ ही लोग इसके नकारात्मक और सकारात्मक ऊर्जा वाले प्रभावों को जानते हैं | वास्तु शास्त्र के हिसाब से शीशे ऊर्जा को रोक भी सकते हैं और बिगाड़ भी सकते हैं| इसलिए एक सुकूनभरी और शांतिपूर्ण ज़िंदग़ी जीने के लिए शीशे को सही जगह और दिशा मे लगाना ज़रुरी है |
घर में शीशे की जगह और दिशा मे साधारण बदलाव करने से धन में वृद्धि हो सकती है। शीशे को सही जगह पर लगाने के लिए नीचे कुछ वास्तु टिप्स दिए गए हैं।
सकारात्मक प्रभाव
*अगर घर के लॉकर के सामने शीशे लगाए जाएँ तो इससे धन दो गुना हो सकता है।
*उत्तर दिशा में शीशा लगाना फ़ायदेमंद होता है। क्योंकि, उत्तर दिशा धन के देवता कुबेर का केंद्र होती है, उस दिशा को ऊ र्जावान और सकारात्मक रखना ज़रूरी है।
*धन को बढाने मे मदद करने वाली ऊर्जा को बनाए रखने के लिए कोई भी बिज़नेस मैन अपनी तिजोरी (कैश बॉक्स) के पास शीशा लगा सकते हैं। ऐसा करने से न केवल धन लाभ होगा बल्कि कस्टमर्स भी बढ़ेंगे।
*अच्छी सेहत के लिए, बाथरूम में शीशे पूर्व या उत्तरी दीवारों पर होने चाहिए। ऐसा करने से नकारात्मकता को दूर करने और सजीवता लाने में मदद मिलती है।
*ड्रेसिंग रूम में शीशों को ज़मीन से कम से कम चार से पाँच फुट ऊपर रखना चाहिए |
नाकारात्मक प्रभाव
*दक्षिण पूर्व दिशा अग्नि की दिशा होती है। अगर आप इस दिशा में शीशा लगाते हैं, तो झगड़े और मनमुटाव होने की संभावना बढ़ सकती हैं। इस दिशा में शीशा लगाने से बचें।
*वास्तु शास्त्र यह सलाह देता है कि शीशा एक दूसरे के सामने नहीं लगने चाहिए, इससे बैचैनी बढ़ सकती है।
*वास्तु के अनुसार, रसोई-घर दक्षिण-पूर्व की दिशा में नहीं होना चाहिए। यह चुंबकीय ऊर्जा (मैग्नेटिक एनर्जी) की दिशा होती है। इसलिए, अग्नि आसानी से सकारात्मक चुंबकीय ऊर्जा को खत्म कर सकती है।
*वास्तु के अनुसार, शीशे का मुँह उत्तर या पूर्व की ओर नहीं होना चाहिए। ऐसा करने से उत्तर या पूर्व से आने वाली सकारात्मक ऊर्जा शीशे से प्रतिबिंबित (रिफ्लेक्ट) होकर खत्म हो सकती हैं।
*अच्छी सेहत और शांति से सोने के लिए बेडरूम में शीशा लगाने से बचे। वास्तु के अनुसार, अगर बेडरूम में शीशा है तो उसे बेड के सामने नहीं होना चाहिए।
*शीशे का मुँह घर के प्रवेश द्वार (एंट्री गेट) के सामने नहीं होना चाहिए। इससे घर में प्रवेश करने वाली ऊर्जा प्रतिबिंबित (रिफ्लेक्ट) हो कर लौट जाती है।
वास्तु टिप्स
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के लिए चौकोर और आयताकार (रेक्टेंगुलर) शीशे अच्छे होते हैं; अंडाकार और गोलाकार शीशे लगाने से बचना चाहिए। अच्छे नतीजों के लिए, नींद न आना, सिर दर्द या दिल की बीमारी से परेशान व्यक्ति बेड और गद्दे के बीच तीन इंच का शीशा ऊपर की तरफ मुँह करके रख सकते हैं। बाथरूम में शीशा भरपूर उजाले वाली जगह पर ही लगाना चाहिए, और कभी भी अंधेरे में नहीं लगाना चाहिए। सोते समय, आपकी छवि (इमेज) शीशे में दिखाई नहीं देनी चाहिए। इसलिए, शीशा आपके बिस्तर से बहुत दूर होना चाहिए।
घर में शीशे को सही जगह पर रखने के लिए वास्तु के इन आसान सुझावों (टिप्स) को अपना कर आप अपने घर में सकारात्मक ऊर्जा ला सकते है साथ ही साथ ज़्यादा धन और अच्छी सेहत पा सकते हैं।